जैसे जैसे भौतिक प्रगति हो रही है, मानव अपनी मानवीय संवेदना खोता जा रहा है। उसे केवल अधिकार याद हैं कर्तव्य नहीं। आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती इंसानियत को जिंदा रखने की है। इसके लिए लफ्फाजी नहीं अपितु समर्पण से कम करने की जरुरत है।
रविवार, 1 मई 2016
पी.एम.साहब अगर आप वास्तव में भारत को सोने की चिड़िया बनाना चाहते है तो भारतीय प्रशासनिक सेवकों और नेताओं पर लगाम लगाइये तभी भारत वर्ष के हर घर में चूला जलेगा।
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