रेलवे एक तीर
से कई निशाने
पुराने ज़माने में अग्रेज़ों ने जो रेलवे की लाईनें बिछाई थी, आज वो रेलवे लाईने इतनी सार्थक नज़र आ रही है जिससे जाम के साथ जनहानि,पर्यावरण,कम खर्चीली यातायात व्यवस्था साथ
ही रेलवे विभाग
की आय और
शहर में गन्दगी
को बचाया जा
सकता हैं,अगर
उन रेलवे लाईनो (रेलवे स्टेशन
) पर हम
एक लोकल ट्रैन
चला दें तो
इन समस्त परेशानियों से निजात पाने के
साथ अपने शहर
को स्वक्ष व स्मार्ट शहर बना सकते हैं।आज
मेरा शहर आगरा
स्मार्ट शहर की
दौड़ से काफी पिछड़
गया है ऐसे
में लेखक को
लगता हैं कि
आगरा के नागरिकों
के साथ प्रशासन
व राजनैतिक लोगों
के साथ रेल
मंत्रालय को अपनी
ये मांग रखनी
चाहिए कि जो
रेलवे की संपत्ति
बेकार पड़ी है
और उस पर
पहले से ही
निवेश हो चुका
हैं उस पर
एक लोकल ट्रैन अगर
हम ऐसे चालू
करते है टूंडला
से जमुना ब्रिज,जमुना ब्रिज
से आगरा सिटी
,आगरा सिटी से
राजामंडी,बिल्लौचपुरा और आगरा
कैंट के लिए चलायें। रेलवे की संपत्ति उपयोग के साथ
उसे जंग लगने
व चोरी से
भी बचाया जा
सकता है।दूसरी ओर
मेरा शहर आगरा मॉडल सिटी के
रूप में जाम पोल्लुशन,
सस्ती यातायात व्यवस्था ,गंदगी व जनहानि भी रुकेगी।अगर आपको मेरा
सुझाव ठीक लगता
है तो कृपया
इसे हर मंच
पर अपनी मांग
रखें साथ ही रेल
मंत्रालय को आगरा
के सांसद के
साथ रेल मंत्री से मिलकर एक
ब्लू प्रिंट तैयार
करायें।
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